खिलाड़ी के मुकाबले कोच का काम ज्यादा मुश्किल – मनप्रीत सिंह | Manpreet Singh – Indian Kabaddi and Pro Kabaddi League Palyers and Coach
जो कोच और खिलाड़ी हैं दोनों में बोहोत ज्यादा अंतर होता है। जो खिलाड़ी हैं ओ हार के या जित के कोच से प्यार ले लेगा या डांट खा लेगा बस इतनाही काम हैं। लेकिन जो कोच होता हैं उसे बोहोत कुछ देखना होता हैं। एक साथ टीम को इखट्टी रखना है। टीम के अंदर दो ग्रुप ना हो जाये। टीम दो ग्रुप में बट ना जाये। टीम को आ के गलत बात ना बोल जाये या मेरी टीम को एक दूसरे के साथ भड़का ना दे। मतलब हर तरह की टेंशन कोच को होती हैं। हार गए तब ज्यादा टेंशन जित गए तब उससे ज्यादा बड़ी टेंशन। कोच का जो फोकस होता हैं ओ अपने खिलाड़ियोमे में होता हैं। वही एक अच्छा कोच होता हैं जो अपने खिलाड़ियोंको एक खिलाड़ी बन के खिलाड़ियोंको छोटा भाई मान के अच्छे से प्यार से सीखा सखे। सिर्फ मैदान में ही नहीं बल्कि मैदान के बाहर की बातें भी सिखानी होती है। मेरे हिसाब से कोच का काम ज्यादा मुश्किल हैं एक खिलाड़ी के मुकाबले। ऐसा मनप्रीत सिंह ने बताया।